एक बार फिर मध्यपूर्व आतंक की गिरफ्त में है। एक बार फिर इराक पर बंमों की आग बरसाई जा रही है। एक तरफ “सभ्य” ताकतें पहले ही भुखमरी की शिकार आबादी पर मौत तथा बदहाली बरपा कर रही हैं। दूसरी ओर सारी दुनिया को झूठों की बाढ में डुबोया जा रहा है। ताकि जंग उचित ठहराई जा सके। ताकि जंग के हर सच्चे विरोध को विकृत तथा भ्रमित किया जा सके।…